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नींबू और गलगल की खेती कर हिमाचल के जगदीश हर साल कमा रहे 8-10 लाख रूपये

ऑनलाइन न्यूज नेटवर्क (ONN)-

मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत सरकार से उपदान पर खेतों के लिए मिली सोलर फेंसिंग की सुविधा किसानों-बागवानों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं हो रही है। फसल और पौधों के सुरक्षा कवच ने खेतों में हरियाली और किसानों के चेहरों पर लाली लौटा दी है। इसी योजना का लाभ उठाकर शाहपुर के सलोल के बागवान जगदीश सैणी प्रतिवर्ष आठ से दस लाख की आमदनी अर्जित कर अपने परिवार का भविष्य संवार रहे हैं।

वहीं सोलर फेंसिंग लगाकर पौधों को सुरक्षा कवच प्रदान ही नहीं किया बल्कि अपने दिन रात की मेहनत के फल में निश्चिंतता के रंग भर दिए। जगदीश सैणी उन किसानों के लिए भी प्रेरणा पुंज बने हैं जिन किसानों ने जंगली जानवरों के डर से अपने खेतों को बंजर छोड़ दिया है और सोलर फेसिंग योजना का लाभ उठाकर किसान खेतीबाड़ी की ओर पुनः लौटने लगे हैं।

सलोल के बागवान जगदीश चंद सैणी ने बताया कि वह पहले खेतों में सब्जियां उगाकर अपने परिवार का जीवन यापन करते थे लेकिन जंगली जानवरों के कारण उनकी 50 से साठ प्रतिशत फसल बर्बाद हो जाती थी। खेतों की रखवाली के लिए खेतों के चारों तरफ कटीली झाड़ियों का बाड़ लगाया करते थे, लेकिन इसे जंगली जानवर तोड़कर खेतों में प्रवेश कर जाया करते थे और फसलें नष्ट कर देते थे।

जिसके कारण उनको काफी नुक्सान उठाना पड़ता था। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के बारे में जब कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने उनको खेतों की फेंसिंग के लिए सत्तर प्रतिशत अनुदान के बारे में जानकारी दी तो तो उन्होंने इस योजना का लाभ उठाते हुए 50 कनाल में सात सौ मीटर के लगभग पांच लाख की लागत से सोलर फेंसिंग करवाई जिसमें 95 हजार रूपये खर्च किए जबकि सरकार की ओर से 4 लाख 5 हजार का अनुदान दिया गया।

उन्होंने अपने 50 कनाल के खेत में 2000 पौधे नींबू, 800 पौधे गलगल, 200 पौधे मौसमी के लगाए हैं। इसके अलावा सरकार की ओर से दो बोरबेल तथा ड्रिप ईरिगेशन के लिए उपदान भी दिया गया। उन्होंने कहा कि सोलर फेंसिंग के कारण पौधों को जंगली जानवर किसी भी तरीके का नुक्सान नहीं पहुंचा रहे हैं।

जगदीश सैणी ने बताया कि अब वर्ष में पांच से छह लाख रूपये के करीब नींबू तथा तीन से पांच लाख के करीब गलगल बेचकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं तथा इनकी फसल को खेतों से खरीद लिया जाता है। जगदीश सैणी ने कहा कि सभी किसानों को इस योजना का लाभ उठाकर किसान जंगली जानवरों से चिंतामुक्त होकर अपनी खेती से बेहतर आमदनी अर्जित कर सकते हैं तथा बंजर भूमि का भी सही उपयोग हो सकेगा।

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